निजी घरानों से मिली-भगत में टेण्डर को दिया जा रहा है अंतिम रूप : संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील की : 09 अप्रैल को लखनऊ में विशाल प्रदर्शन की तैयारी
Apr 6 2025
आनंद अग्निहोत्री/पारदर्शी विकास न्यूज़-विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने निजीकरण की प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री मा. योगी आदित्यनाथ जी से अपील की है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप कर निजीकरण का निर्णय निरस्त कराने की कृपा करें। संघर्ष समिति ने कहा है कि निजी घरानों से मिली-भगत में टेण्डर को अंतिम रूप दिया जा रहा है जो अत्यन्त गंभीर मामला है। 09 अप्रैल को लखनऊ में निजीकरण के विरोध में होने वाली विशाल रैली में आन्दोलन का शंखनाद किया जायेगा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियो ने बताया कि अवैध ढंग से नियुक्त किये गये ट्रांजैक्शन कंसलटेंट मे. ग्रान्ट थॉर्टन की टीम पॉवर कारपोरेशन के निदेशक वित्त के कमरे में बैठ कर काम कर रही है। ऐसी चर्चा है कि निदेशक वित्त और पॉवर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबन्धन की निजी घरानों के साथ मिली भगत है और पूर्व निर्धारित निजी कम्पनी के पक्ष में सारी टेण्डर प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है जो बहुत ही गम्भीर मामला है।
संघर्ष समिति ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की ए टी एण्ड सी हानियां लगभग 40 प्रतिशत मान कर निजीकरण के डॉक्यूमेंट तैयार किये जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अपने टिव्टर हैंडल पर लिख चुके है कि वर्ष 2023-24 में सभी विद्युत वितरण निगमों की मिलाकर ए टी एण्ड सी हानियां 16.5 प्रतिशत रह गयी हैं जो वर्ष 2017 में 40 प्रतिशत थीं। अब निजीकरण हेतु 40 प्रतिशत ए टी एण्ड सी हानियां आधार के रूप में लेना भारी भ्रष्टाचार और लूट का संकेत दे रहा है।
संघर्ष समिति ने कहा कि अवैध ढंग से नियुक्त किये गये ट्रांजैक्शन कंसलटेंट मे. ग्रान्ट थॉर्टन की टीम आगरा व वाराणसी का दौरा केवल खानापूर्ति के लिए कर रही है। निजी कम्पनी को तमाम गोपनीय दस्तावेज शीर्ष प्रबन्धन एवं निदेशक वित्त द्वारा उपलब्ध करा दिये गये हैं। यह पता चला है कि कंसलटेंट ने निजीकरण हेतु अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है।
संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि निजीकरण के लिए उतावले और बिजली कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन से खीझे हुए पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने बिजली कर्मियों और अभियन्ताओं पर अनर्गल आरोप लगाकर दण्डात्मक कार्यवाहियां प्रारम्भ कर दी हैं। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि यदि दण्डात्मक कार्यवाहियां वापस न ली गयी तो बिजली कर्मी इसका मुंह तोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।
आज प्रदेश के समस्त जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में निजीकरण के विरोध में आगामी 09 अप्रैल को लखनऊ में होने वाली रैली की तैयारी की गयी।