हत्यारोपी के घर पर चला बुलडोजर, 2 आरोपी मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार


पारदर्शी विकास न्यूज़ फतेहपुर। ट्रिपल मर्डर केस में बुलडोजर एक्शन हुआ है। प्रशासन ने आरोपियों के घर के बाहर बनी कोठरी को ढहा दिया है। दोपहर 1 बजे प्रशासन बुलडोजर लेकर पहुंचा। आसपास के एरिया को सील कर दिया। फिर 200 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में बुलडोजर चला। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कच्ची कोठरी को गिराकर जिला प्रशासन आरोपियों का साथ दे रहा है। वहीं डीएम के आश्वासन के बाद शवों के अंतिम संस्कार को लेकर सहमति बन चुकी है। परिजन अंतिम संस्कार करने जा रहे हैं। पूरा मामला जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर हथगाम थाना के अखरी गांव का है। यहां मंगलवार को भाकियू के जिला उपाध्यक्ष पप्पू सिंह (50), उनके बेटे अभय (22) और भाई पिंकू सिंह (45) की हत्या कर दी गई थी। बुधवार सुबह पुलिस ने दो आरोपियों पीयूष सिंह (36) और सज्जन सिंह (38) को पैर में गोली मारकर पकड़ लिया। मामले में दो आरोपी सुरेश और भूपेंद्र ने मंगलवार को ही सरेंडर कर दिया था। यानी अब तक 4 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। अखरी गांव के पूर्व प्रधान सुरेश कुमार उर्फ मुन्नू सिंह सुबह 9 बजे अपनी बाइक लेकर जा रहे थे। रास्ते में पप्पू सिंह का ट्रैक्टर खड़ा था। उन्होंने रास्ते से ट्रैक्टर हटाने को कहा, लेकिन पप्पू सिंह ने मना कर दिया। कहा-नहीं हटाएंगे। इस बात पर दोनों की बहस शुरू हो गई। फिर हाथापाई हुई। गाली-गलौच और आवाज सुनकर सुरेश सिंह के परिवार के लोग हथियार लेकर पहुंच गए। पप्पू सिंह के बेटे और भाई भी मौके पर पहुंच गए। पहले दोनों पक्षों में जमकर लात-घूसे चले। इसी बीच सुरेश सिंह के घरवालों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। तीनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उन्हें गोलियों से भून दिया। करीब 20-25 राउंड फायरिंग हुई। इससे पूरे गांव में दहशत फैल गई। लोग जब तक मौके पर पहुंचे आरोपी फरार हो गए थे। घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण और किसान यूनियन के लोग जुट गए थे। इन लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया था। हालांकि बाद में पुलिस ने जाम खुलवाया दिया था। यह कहते-कहते 70 साल की राम दुलारी रोने लगती हैं। राम दुलारी फतेहपुर के अखरी गांव की प्रधान हैं। उनके दो बेटों और एक पोते की 8 अप्रैल को हत्या कर दी गई। बुधवार सुबह पुलिस ने दो आरोपियों पीयूष सिंह (36) और सज्जन सिंह (38) को पैर में गोली मारकर पकड़ लिया। मामले में तीन आरोपी सुरेश, भूपेंद्र ने मंगलवार को ही सरेंडर कर दिया था। यानी अब तक 4 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।



मां बोली: 25 साल से चल रही थी रंजिश
भाकियू नेता पप्पू सिंह का अभय इकलौता बेटा था। उनकी पत्नी की 15 साल पहले मौत हो चुकी है। पिंकू सिंह खेती-किसानी करते थे। पप्पू सिंह की मां राम दुलारी कहती हैं। जब मैं ग्राम प्रधान बनी, तब से सुरेश सिंह से चुनावी रंजिश चल रही थी। सुरेश ने कई बार मेरे बेटे को घेरकर मार डालने की कोशिश की। 25 साल पहले सुरेश सिंह प्रधान था। उसके बाद वह हार गया। तभी से झगड़ा चल रहा था। इस बार के चुनाव में सुरेश सिंह के परिवार को हराकर मैं प्रधान बनी हूं।

मायावती बोलीं: सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे
बसपा प्रमुख मायावती ने घटना को लेकर भाजपा सरकार को घेरा है। उन्होंने एक्स पर लिखा। फतेहपुर में मामूली बात पर एक ही परिवार के तीन ठाकुरों और एक दलित की हत्या कर दी गई। इससे आम जनता में भारी दहशत है। सरकार को चाहिए कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे और पीड़ित परिवार को समय पर न्याय मिले। सरकार को यह देखना चाहिए कि आखिर प्रदेश में कानून व्यवस्था क्यों बिगड़ रही है। इस घटना ने न सिर्फ वहां के लोगों को, बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है।

लोक भारती टीम गई गांव
वारदात के बाद लोक भारती टीम फतेहपुर से 60 किमी दूर अखरी गांव पहुंची। गांव में तनाव को देखते हुए प्रतापगढ़, कौशांबी, हमीरपुर सहित 4 प्लाटून पीएसी के साथ एक मजिस्ट्रेट, 4 डीएसपी, 6 थानों की पुलिस समेत 100 पुलिसकर्मी तैनात हैं। गांव की आबादी 1200 है। 40 फीसदी ठाकुर हैं। हमने परिजनों से बातचीत कर दर्द समझा। घटनास्थल पर सड़क के किनारे खून ही खून फैला पड़ा था। यहां से आधा किलोमीटर दूर हम मृतकों के घर पहुंचे। यहां ग्राम प्रधान राम दुलारी, उनकी दो बेटियां सुनीता सिंह, सोनी सिंह और मृतक पिंकू की पत्नी मनीषा सिंह 6 महीने के बेटे को गोद में लिए रोती-बिलखती दिखीं। पास में ही बैठा 8 साल का बेटा सूर्य मां को चुप कराने के दौरान खुद भी रोने लगता था। हमने लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई इस हालत में ही नहीं था। करीब आधे घंटे तक इंतजार करने के बाद मृतक पप्पू सिंह की मां राम दुलारी बात करने के लिए तैयार हुईं।

समझौते के बाद अखरी गंगा घाट में हुआ अंतिम संस्कार
खागा। पोस्टमार्टम के बाद भाकियू नेता विनोद उर्फ पप्पू सिंह, उनके पुत्र अभय सिंह तथा छोटे भाई अनूप सिंह उर्फ पिंकू के शव गांव पहुंचे तो सभी की आंखें नम हो गई। दिवंगत परिवार की महिलाएं चीख-चीख कर बस एक ही मांग कर रही हैं कि हत्यारोपितों के पैर में नहीं सीने में गोली मारी जाए। वर्तमान ग्राम प्रधान रामदुलारी सिंह के साथ खड़े ग्रामीणों का कहना था परिवार में कोई सहारा नहीं बचा है। हमलावरों ने जो खूनी खेल खेला है, उसमें हत्यारोपितों को मौत की सजा देने में पुलिस-प्रशासन अपने हाथ खड़े कर रहा है। एसडीएम अभिनीत कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक विजय शंकर मिश्र व कई थानों का पुलिस फोर्स गांव में मौजूद रहा। आक्रोशित स्वजन ने प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष अपनी मांग रखी जिसमें उनकी मांग परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाए, एक पिस्टल का लाइसेंस किया जाए और परिवार में एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए जिससे परिवार का भरण-पोषण हो सके। मांगे न माने जाने पर वह तीनों शव लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास ले जाने की बात करते रहे।

प्राथमिक विद्यालय रहा बंद
माहौल सही न होने के चलते पुलिस फोर्स ने प्राथमिक विद्यालय अखरी को नही खुलने दिया। गांव का माहौल सही न होने के कारण बच्चे स्कूल नही आ रहे हैं। आज प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने रजिस्टर में साइन करके विद्यालय बंद कर दिया और बगल में स्थित प्राथमिक विद्यालय कूंघन में सभी शिक्षक बैठे रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र कुमार ने बताया कि विद्यालय में 65 छात्र पंजीकृत हैं। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर विद्यालय खोला जाएगा।

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