(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी) वृन्दावन। रमणरेती रोड़ स्थित भागवत निवास में रिस्पेक्ट एज इंटरनेशनल (अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन सम्मान समिति) के द्वारा ठाकुरश्री गौरांग कृष्ण महाराज का 42वां पाटोत्सव एवं पंडित चन्द्रहंस पाठक का 41वां विरह उत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ संपन्न हुआ।जिसके अंतर्गत ठाकुरश्री गौरांग कृष्ण महाराज व पंडित चंद्र हंस पाठक के चित्रपट का वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य पूजन-अर्चन किया गया।साथ ही संतों एवं भक्तों के द्वारा संगीतमय श्रीहरिनाम संकीर्तन किया गया।तत्पश्चात संत-विद्वत संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए महंत वनमाली दास महाराज एवं बाबा शुकदेव दास महाराज ने कहा कि मनुष्य का कल्याण श्रीधाम वृंदावन में भगवद आश्रय, नाम, रूप, लीला, धाम तथा प्रभु के गुणों में निरंतर लगे रहने से ही होता है।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं प्रख्यात चित्रकार द्वारिका आनंद ने कहा कि भगवत भक्ति के लिए मानव को गुरु की शरणागति, शास्त्र का संग, सत्संग के साथ ही अपने जीवन में विनम्रता धारण करते हुए भगवान नामाश्रय ग्रहण करना चाहिए।
संत रामदास महाराज (अयोध्या) एवं रिस्पेक्ट एज इंटरनेशनल के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. गिरीश गुप्ता ने कहा कि भगवत प्राप्ति के लिए मानव के जीवन में भक्ति की आवश्यकता है और भक्ति की प्राप्ति के लिए गुरु की आवश्यकता है।सत्संग एवं महामंत्र का आश्रय व्यक्ति के जीवन में भक्ति प्रदान करता है।
संत-विद्वत सम्मेलन में सन्त कृपासिंधु दास महाराज, सन्त निधि दास, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, श्रीमती बीना गुप्ता उर्मिला अग्रवाल, दीपक प्रहलाद अग्रवाल, मंजू गर्ग, लक्ष्मी नारायण दास (राधाकुंड), पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. राम ठाकर (इन्दौर), संत जुगल दास महाराज, गौर हरि बाबा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।महोत्सव का समापन संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।
