भारतीय संविधान को लेकर झूठी राजनीति से सावधान रहे बहुजन समाज बाबा बैजनाथ रावत
सिंधवापुर खरांवा में मनाई गई अम्बेडकर जयंती
संजीव भारती\पारदर्शी विकास न्यूज़ अमेठी/तिलोई। रविवार को सिंधवापुर खरांवा में बाबा साहब डॉ अम्बेडकर जयंती पखवाड़े के अन्तर्गत जयंती समारोह का आयोजन किया गया। जयंती समारोह में बाराबंकी की लोक कलाकार अनीता भारती ने बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के जीवन दर्शन और अम्बेडकर मिशन पर आधारित गीत प्रस्तुत करके लोगों को बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के सपनों का भारत बनाने का संदेश दिया।
मुख्य अतिथि पोरा धाम , अयोध्या से आए कबीर पंथी संत बाबा बैजनाथ रावत रहे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डॉ अम्बेडकर युग पुरुष थे। उनके जीवन संघर्षों का वर्णन शब्दों में सम्भव नहीं। बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के परिवार पर संत शिरोमणि कबीरदास की शिक्षाओं का अच्छा प्रभाव था। भगवान बुद्ध और संत शिरोमणि कबीर साहब दोनों ने ढोंग, पाखंडवाद से दूर रहते हुए समता, समानता और मानवता के संदेश दिए हैं। बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के जीवन संघर्षों की बदौलत आज दुनिया में भारत विश्व गुरु बना है। सम्राट अशोक की तरह उन्होंने भी बौद्ध धम्म को दुनिया में फैलाने का काम किया है।
बाबा बैजनाथ ने देश में भारतीय संविधान को लेकर चल रही झूठी राजनीति से बहुजन समाज को सावधान किया और कहा कि आज जो लोग संविधान को सर पर लेकर घूम रहे हैं, इन्ही की जमात ने बाबा साहब डॉ अम्बेडकर का कदम कदम पर अपमान किया। कांग्रेस सरकार ने ही संविधान में सबसे अधिक संशोधन किए । बाबा साहब डॉ अम्बेडकर को भारत रत्न नहीं दिया। काका कालेलकर रिपोर्ट को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। मंडल कमीशन की रिपोर्ट को भी नहीं लागू किया।
बौद्ध भिक्षु भंते विमल बोधि की ओर से सामूहिक त्रिसरण पंचशील के बाद कार्यक्रम शुरू हुआ। राम-लखन, श्री राम, जग्गू ,रामदास,शिव पल्टन , विजय बौद्ध आदि ने अतिथियों का स्वागत सम्मान किया।
सेवानिवृत्त शिक्षक गुरु चरण वर्मा, बाराबंकी ने बाबा साहब डॉ अम्बेडकर की ओर से किए गए सत्याग्रहों और आंदोलनों की जानकारी दी और कहा कि बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने तत्कालीन भारतीय समाज की कुरीतियों, पुरोहितों और हिन्दू धर्म के ठेकेदारों की ओर से फैलाए गए धार्मिक शोषण और ऊंच नीच की व्यवस्था को समाप्त करने की पूरी कोशिश की, किंतु सफल नहीं हुए , अन्ततः 14अक्टूबर 1956को उन्होंने बौद्ध धम्म ग्रहण किया और अपने अनुयायियों को बुद्धं सरणं गच्छामि –के संदेश दिए। दुनिया में 150राष्ट्र आज बौद्ध धर्म को मानते हैं।
सेवानिवृत्त शिक्षक देवनारायण ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चार बार के मुख्यमंत्रित्व काल में बहन मायावती जी ने बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के सपनों को साकार करने का काम किया है। बाबा साहब डॉ अम्बेडकर एक समान शिक्षा प्रणाली के पक्षधर थे । आजादी के बाद देश की सभी लोकतांत्रिक सरकारों ने भारतीय संविधान को ठीक से लागू नहीं किया।नीति और नीयत में अंतर होने के कारण आज भी देश में सामाजिक गैरबराबरी और गरीबी की समस्या दूर नहीं हो पाई है।
सभा को खुशीराम रावत,एम एल गौतम, इंजीनियर श्याम लाल, बसपा के विधानसभा प्रभारी विजय गौतम,शिवलाल, बाबा दीन गौतम आदि ने संबोधित किया समारोह का संचालन अनिल कुमार गौतम ने किया।