फीस न दे पाने पर शिक्षण व परीक्षा से वंचित न कर पाएंगे स्कूल

सीडब्ल्यूसी ने जारी किया आदेश,आर्थिक अभाव की हालत में देख-रेख करेगी समिति

अजय त्रिपाठी पारदर्शी विकास न्यूज
बहराइच।
बाल कल्याण समिति न्यायपीठ द्वारा बालकों की देखरेख एवं संरक्षण हेतु आदेश पारित किया कि जनपद के किसी स्कूल कॉलेज द्वारा बालक (छात्र-छात्रा) की फीस जमा न हो पाने पर उन्हें पठन-पाठन व परीक्षा से वंचित न किया जाए। सीडब्लूसी (बेंच का मजिस्ट्रेट) के अध्यक्ष सतीश कुमार श्रीवास्तव ने अपने आदेश पत्र को जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए भेजा है। बाल कल्याण समिति न्यायपीठ द्वारा प्रतापगढ़ जिले मैं घटित एक घटना का किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 30 (XII) के तहत स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें विद्यालय के शिक्षक द्वारा वार्षिक परीक्षा के समय कक्षा 9 की एक छात्रा की फीस न जमा हो पाने के कारण उसका प्रवेश पत्र छीन कर उसे परीक्षा से वंचित कर दिया गया, इससे क्षुब्ध होकर उस छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस हृदय विदारक घटना का संज्ञान लेकर इस न्यायपीठ द्वारा यह आदेश पारित किया गया कि यदि कभी किसी अभिभावक द्वारा अपनी किसी आकस्मिक आर्थिक समस्या उत्पन्न हो जाने के कारण अपने पाल्य छात्र छात्रा की समय से स्कूल /विद्यालय की फीस न जमा कराई जा सके, तो संबंधित छात्र-छात्रा को विद्यालय के शिक्षक प्रधानाचार्य प्रबंधक द्वारा किसी भी दशा में शिक्षण अथवा परीक्षा से वंचित ना करें, बल्कि संबंधित अभिभावक को बुलाकर उनकी समस्या से अवगत हो आवश्यकता अनुसार शुल्क में रियायत देते हुए किस्तों में फीस जमा करने की सुविधा दें। यदि इस पर भी वह अभिभावक अपने पाल्य छात्र छात्रा की फीस जमा कर पाने में असमर्थ रहे तो इसकी सूचना जिला प्रशासन और बाल कल्याण समिति को दी जाए। इस पर छात्र-छात्रा की आर्थिक समस्या को देखते हुए उनके लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी, जिससे स्कूल विद्यालय की फीस जमा हो सके और बालक (छात्र-छात्रा) की पढ़ाई बाधित न हो।

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