कम्पोजिट विद्यालय भादर प्रथम में बागों में बच्चों को खोजने में लगे प्रधान और हेडमास्टर

स्कूल चलो अभियान पर चोट कर रहा गरीबी का संकट
मां बाप कर रहे मजदूरी, बच्चे बागों में महुआ बिनने में लगे, शिक्षक परेशान, हाजिरी बढ़ाने को गांव गांव दौड़ रहे

फोटो कैप्शन -प्राथमिक विद्यालय नकदेईयापुर में ईंट भट्ठे पर अभिभावकों से सम्पर्क करते हुए प्र अ हरिकेश भारती

संजीव भारती/पारदर्शी विकास न्यूज़अमेठी।

गर्मी और हीट वेव के चलते स्कूलों के समय में परिवर्तन के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति में कोई खास सुधार नहीं हो पा रहा है। गांवों में गरीब और मजदूर परिवारों के अधिकांश बच्चे बागों में महुआ बिनने में लगे हुए हैं।इन बच्चों के मां बाप गेंहू की फसल की कटाई और मड़ाई में लगे हुए हैं।


नवीन शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हुआ है।इस समय बच्चों का नया प्रवेश चल रहा है। नवीन नामांकन के लिए शिक्षकों को घर घर सम्पर्क करना पड़ रहा है। गेंहू की फसल की कटाई और मड़ाई के चलते मजदूर परिवार रोजी रोटी के लिए दिहाड़ी करने में लगे हुए हैं।इन परिवारों के तमाम बच्चे छोटे बच्चों की देखभाल और महुआ बिनने में लगे हुए हैं। शिक्षकों की ओर से बार बार सम्पर्क के बाद भी इन बच्चों के अभिभावक गंभीर नहीं है।
बुधवार को घोरहा में बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए प्रधानाध्यापक के साथ ग्राम प्रधान इन्द्र बहादुर सिंह ने भी बागों में जाकर बच्चों और उनके अभिभावकों को सुबह चार बजे उठकर घर के काम निपटाने और बच्चों को नियमित स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया।
कम्पोजिट विद्यालय भादर प्रथम के इं प्र अ संजीव कुमार और शिक्षामित्र शिवकरन गुप्ता ने सरैया,घोरहा और केशवपुर गांवों में अभिभावकों से घर घर सम्पर्क किया।
कम्पोजिट विद्यालय हारीपुर में शिक्षकों ने गांवों में जाकर अभिभावकों से सम्पर्क किया और नवीन नामांकन किया।
प्राथमिक विद्यालय नकदेईयापुर में प्र अ हरिकेश भारती ने गांव में जाकर अभिभावकों से बच्चों को रोज स्कूल भेजने का अनुरोध किया।
प्राथमिक विद्यालय कुशीताली में प्र अ रेखा पांडेय ने कुशीताली और शिक्षामित्र सोना देवी ने हारीपुर और पटखापुर में अभिभावकों से सम्पर्क किया।

इनसेट

बीएसए ने किया है अस्सी प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने का आदेश

अमेठी।

अप्रैल के महीने में बच्चों की उपस्थिति कम है।इस बीच बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार तिवारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों और प्रधानाध्यापकों को स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 80फीसदी सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।बी एस ए के आदेश का अनुपालन करना शिक्षकों के लिए मुश्किल हो रहा है।गरीब और मजदूर परिवारों में अभिभावक बच्चों को नियमित स्कूल भेजने के प्रति बिल्कुल गंभीर नहीं है।

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