अजय त्रिपाठी पारदर्शी विकास न्यूज
बहराइच। तहसील नानपारा के ग्राम इटहा परसना में न्यायालय के आदेश के बावजूद जबरन कब्जे और निर्माण का मामला सामने आया है। पीड़ित बराती पुत्र शेर बहादुर ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।पीड़ित के अनुसार, उसने विवादित भूमि को 30 दिसंबर 2020 को बेनाम लिया था और तब से वह वहां काबिज है। लेकिन विपक्षीगण, जो उसके परिवार से कोई संबंध नहीं रखते, दबंगई के बल पर भूमि पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। जबरन निर्माण को रोकने के लिए पीड़ित ने न्यायालय में वाद संख्या 197/23 दायर किया, जिसमें 11 दिसंबर 2023 को न्यायालय ने स्थगन आदेश पारित किया था। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया कि विपक्षीगण न तो भूमि पर कब्जा कर सकते हैं और न ही कोई निर्माण कार्य कर सकते हैं।स्थानीय प्रशासन की अनदेखी, पुलिस पर मिलीभगत के आरोप
पीड़ित ने आरोप लगाया कि जब उसने न्यायालय के आदेश की प्रति थाना कोतवाली नानपारा में प्रस्तुत की, तो वहां मौजूद अधिकारियों ने इसे दरकिनार कर दिया। इसके बाद 28 मार्च 2025 को विपक्षीगण जबरन निर्माण करने लगे। जब पीड़ित ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई और गाली-गलौज की गई।
पीड़ित का कहना है कि न्यायालय का स्पष्ट आदेश होने के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता से यह प्रतीत होता है कि पुलिस और स्थानीय अधिकारियों की विपक्षीगण से मिलीभगत है। यदि निर्माण कार्य तत्काल नहीं रोका गया, तो यह न्यायालय की अवमानना होगी।
पीड़ित बराती पुत्र शेर बहादुर ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि वह न्यायालय के आदेश को लागू करवाए और जबरन कब्जा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे।