भगवान बुद्ध के वचनों पर चलने से ही हो सकता है पीड़ित मानवता का कल्याण -,भंते प्रज्ञा मित्र

युद्ध से कभी भी किसी समस्या का हल नहीं हुआ, दुनिया को बुद्ध की जरूरत

बौद्ध धम्म के पुनरुत्थान में बाबा साहब डॉ अम्बेडकर का महान योगदान, उन्होंने भारत को सबसे अच्छा संविधान, और मानवता का रक्षक बौद्ध धम्म दिया

परसांवा में हुआ बौद्ध धम्म की शिक्षाओं पर संवाद कार्यक्रम

संजीव भारती/पारदर्शी विकास न्यूज़ अमेठी। रविवार को परसांवा में आयोजित एक सामाजिक संस्कार में भगवान बुद्ध और उनके धम्म विषय पर विस्तार से संवाद हुआ। वर्तमान परिवेश में बौद्ध धम्म की शिक्षाओं को आचरण में लाने पर जोर दिया गया। बौद्ध भिक्षु भंते प्रज्ञा मित्र ने कहा कि त्रिसरण और पंचशील बौद्ध धम्म का मूल है। भगवान बुद्ध ने अपने संघ में सबको दीक्षित किया और दुनिया को शांति, अहिंसा , प्रज्ञा, करुणा, मैत्री और मानवता के संदेश दिए। दुनिया में कभी भी युद्ध से किसी भी समस्या का हल नहीं हुआ।आज दुनिया के कई देश आतंकवाद और हिंसा की आग में झुलस रहे हैं। पीड़ित मानवता की रक्षा और कल्याण के लिए दुनिया को भगवान बुद्ध के वचनों पर चलना होगा, तभी संकट दूर हो सकता है।
कार्यक्रम का आयोजन वरिष्ठ शिक्षक रामचंद्र की ओर से किया गया। कार्यक्रम में अमेठी, सुल्तानपुर, रायबरेली और प्रतापगढ़ से सैकड़ों बौद्ध धम्म के अनुयाई शामिल हुए।
बौद्धाचार्य संजय कुमार,वीरू गौतम और हरीराम ने लोगों का स्वागत सम्मान किया।

बौद्धाचार्य दयाराम बौद्ध, वैरागी राम भारती, गुरु प्रसाद,राम प्रताप और मिश्री लाल बौद्ध ने भगवान बुद्ध और उनके धम्म के विषय में जानकारी दी। भगवान बुद्ध का धम्म वैज्ञानिक धम्म है,जो तर्क और तथ्य के सिद्धांत पर आधारित है और मानव को स्वतंत्र चिंतन की खुली छूट देता है।
बामसेफ के जिला संयोजक संजीव भारती ने कहा ऊंच-नीच, जातिभेद और अंधविश्वास जैसी सामाजिक रुढियों में फंसे और धर्म के नाम पर शोषण के शिकार भारतीय समाज को मानवतावादी और प्रगतिशील जीवन देने के लिए बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने 14अक्टूबर 1956को स्वयं बौद्ध धम्म ग्रहण किया और अपने अनुयायियों को बुद्धं सरणं गच्छामि –के संदेश दिए। बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने भारत को दुनिया का सबसे अच्छा संविधान और सबसे अच्छा धम्म बौद्ध धम्म दिया है। उन्होंने भारतीय संविधान में बौद्ध दर्शन को पूरी तरह समाहित किया है। सम्राट अशोक के बाद दुनिया में बौद्ध धम्म के पुनरुत्थान में बाबा साहब डॉ अम्बेडकर का महान योगदान है।
कार्यक्रम का संचालन बौद्धाचार्य राम प्रताप ने किया।
अधिशासी अधिकारी शिव करन,सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकार सियाराम ,इन्द्रपाल गौतम,डा सुनील दत्त,राम सजीवन कोरी -मंझवारा,वन दरोगा उदयराज,राम फल फौजी, शीतला प्रसाद दाढ़ी, अम्बेडकर सेवा समिति की ओर से कोषाध्यक्ष राजेश अकेला, छेदी लाल पासवान फूलचंद, राजेश कोरी ग्राम प्रधान रामशंकर, पूर्व प्रधान दूधनाथ, सेवानिवृत्त शिक्षक राम यश, पलटूराम, रामहर्ष,आर एस चक्रवर्ती, नरेंद्र कुमार,कुल रोशन, ललित कुमार, प्रमोद कुमार , दीपक आर्य, रामपाल बौद्ध, रामदेव,हरी लाल ,राम प्रसाद, सुनील कुमार , श्री राम, बृजेश कुमार,किसुन पाल,शिव‌ प्राण,राम सहाय, धर्मराज भारती, प्रियंका,हौसिला प्रसाद, राजीव रंजन, अभिषेक,रामचंद्र सरस, सुरेन्द्र कुमार भगवान पुर, सुदामा प्रसाद, संजय कुमार मौर्य, अमृत लाल, डॉ नन्हे लाल, हरीराम मास्टर आदि मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *