एक राष्ट्र एक चुनाव से होगा देश का उद्धार:डॉ रजनी सरीन

सचिन कटियार/पारदर्शी विकास न्यूज़ फर्रुखाबाद l साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था अभिव्यंजना के तत्वाधान में आज डॉ रजनी सरीन के आवास पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया ।मेरा देश सबसे श्रेष्ठ और एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर आधारित इस 2015 कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉक्टर शशी किरण सिंह प्राचार्या एन. ए .के .पी .डिग्री कॉलेज थी । कार्यक्रम की अध्यक्षता आर. एस .परिहार पूर्व प्रधानाचार्य ने की इस अवसर पर बोलते हुए अनिल भदौरिया ने कहा कि हिंदी एकमात्र ऐसी भाषा है जो पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में पिरो सकती है उन्होंने कहा कि हमको अपने प्राचीन संस्कृति से जुड़ने के लिए हिंदी और संस्कृत का ज्ञान बहुत आवश्यक है ।राजीव वाजपेई ने कहा की हिन्दी गंगा नदी के समान है जिसमें मिलकर सभी नदियां गंगा के समान पवित्र हो जाती है उसी प्रकार हिन्दी से जुड़कर सभी भाषाएँ संतृप्त होती हैं ।अनिल सिंह राठौड़ ने कहा कि एक देश एक चुनाव इस वक्त की मांग है क्योंकि आर्थिक और मानव संसाधनों का उपयोग यदि सीमित मात्रा में होगा तो इसके सकारात्मक परिणाम राष्ट्रीय उत्थान में देखने को मिलेंगे । डॉक्टर पारुल मिश्रा ने कहा कि हम हमें अपने बच्चों को संस्कारों का बीजारोपण करने की आवश्यकता है मां प्रथम गुरु है जो अपने बच्चों और विशेषत: लड़कियों को यह संस्कार दे कि वह किस तरीके से रहे क्या पहने और क्या देखें । उन्होंने मोबाइल और रील की संस्कृति के बढ़ने दुष्प्रभाव पर चिंता व्यक्त की । महेश पाल सिंह उपकारी ने कहा कि यदि हम आध्यात्मिक रूप से अपने आप को जागृत करेंगे तभी हम अपने समाज का भला कर पाएंगे । डॉक्टर प्रभात अवस्थी ने कहा कि वर्ष 2015 में उन्होंने एक राष्ट्र एक चुनाव का विचार दिया था और इसकी मांग की थी उनका यह विचार आज राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वीकार्यता की ओर बढ़ रहा है ।संस्था प्रमुख डॉक्टर रजनी सरीन ने कहा की एक राष्ट्र एक चुनाव ही इस देश को राजनीतिक स्थिरता की ओर ले जा सकता है बार-बार चुनाव होने से देश के आर्थिक संसाधनों पर प्रभाव पड़ता है और पूरी प्रशासनिक मशीनरी विकास कार्यों को छोड़कर इसमें ही व्यस्त हो जाती है जिससे विकास कार्य बाधित होते हैं संस्था भूपेंद्र प्रताप सिंह ने अभिव्यंजना के गत वर्ष के कार्यों को बताते हुए भविष्य की रूपरेखा बताई उन्होंने कहा कि चंद्रपाल सिंह यादव मयंक जो प्रसिद्ध बाल रचनाकार थे की जन्म शताब्दी समारोह बाल साहित्य दिवस के रूप में अभिव्यंजना द्वारा इस वर्ष मनाया जाएगा इसमें उनकी पुत्री डॉ उषा यादव “पद्मश्री’ भी उपस्थित रहेगी अंत में उदय बाथम जी ने सभी का आभार ज्ञापन किया इस अवसर पर अनिल प्रताप सिंह श्री राजेश हजेला संजय गर्ग, आलोक रायजादा , प्रीति रायजादा, प्रीति तिवारी , शीश मेहरोत्रा ,निमिष टंडन समेत अनेक साहित्यकार एवं समाजसेवी उपस्थित रहे ।

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