मरणोपरांत दुनिया में सबसे अधिक सम्मान पाने वाले महापुरुष हैं बाबा साहब डॉ अम्बेडकर

डा अम्बेडकर ने बहुजनों को दिए राजसत्ता पर अधिकार के संदेश -संजय कुमार

बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने सर्वसमाज को दिया समान वोट का अधिकार, तमाम अपमान सहने के बाद भी भारत की एकता को खंडित नहीं होने दिया

गंगौली में अम्बेडकर सेवा समिति की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाई गई अम्बेडकर जयंती

महाबोधि विहार, बोधगया , बौद्धों को सौंपने की मांग

संजीव भारती /पारदर्शी विकास न्यूज़ संग्रामपुर/अमेठी। अम्बेडकर सेवा समिति की गंगौली इकाई की ओर से मंगलवार को अम्बेडकर पार्क गंगौली में संविधान निर्माता बोधिसत्व भारत रत्न बाबा साहब डॉ अम्बेडकर की 134वीं जयंती मनाई गयी।

जयंती समारोह में लोक कलाकार अनिल नादान ने अम्बेडकर मिशन के गीतों के माध्यम से लोगों का ज्ञान वर्धक और भावपूर्ण मनोरंजन किया। बामसेफ के जिला संयोजक संजीव भारती ने कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डॉ अम्बेडकर दुनिया के महान विद्वान और सामाजिक वैज्ञानिक थे। शिक्षा के बल पर ही उन्होंने अपने सभी विरोधियों को परास्त किया और भारतीय संविधान का अमर शिल्पी और स्वतंत्र भारत का प्रथम विधिमंत्री बनने का गौरव हासिल किया। तमाम तरह के अपमान सहने के बावजूद उन्होंने भारत की एकता को खंडित नहीं होने दिया। सर्वसमाज को समान वोट का अधिकार देकर भारत को प्रगतिशील और विकसित राष्ट्र बनने की तरफ अग्रसर किया।

मरणोपरांत जिस महापुरुष को दुनिया में सबसे अधिक सम्मान मिल रहा वे बाबा साहब डॉ अम्बेडकर हैं।आज दुनिया के 150राष्ट्रो में अम्बेडकर जयंती मनाई जा रही है। बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को दुनिया में फैलाया और सशक्त भारत के निर्माण के लिए बुद्धं सरणं गच्छामि –के संदेश दिए।
विशिष्ट अतिथि कवि राम चन्द्र सरस ने कहा कि बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के रास्ते में पग पग पर रोड़े अटकाने वाले लोग भी अब उत्साह से बाबा साहब डॉ अम्बेडकर की जयंती मना रहे हैं,यह अम्बेडकर मिशन के कार्यकर्ताओं की जीत है।
अम्बेडकर सेवा समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय कुमार ने बाबा साहब डॉ अम्बेडकर के जीवन दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने बहुजन समाज को राजसत्ता पर अधिकार के संदेश दिए थे।

वरिष्ठ शिक्षक इन्द्र पाल गौतम ने कहा कि बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने भारत को दुनिया का सबसे अच्छा संविधान और बौद्ध धम्म दिया है। कार्यक्रम की शुरुआत बौद्ध परंपरा के अनुरूप त्रिसरण पंचशील के साथ हुई। बौद्ध भिक्षु भंते प्रज्ञा मित्र ने सामूहिक त्रिसरण पंचशील कराया। आयोजन समिति की ओर से अध्यक्ष रीता यादव, त्रिभुवन यादव, रामदेव लहरी,डा नन्हे लाल, ललित कुमार, अमृत लाल, सलिल कुमार आदि ने अतिथियों का स्वागत सम्मान किया। सभा को अम्बेडकर सेवा समिति के अध्यक्ष उदय राज, राजेश अकेला, श्याम लाल, कुल रोशन एडवोकेट, छेदी लाल पासवान, बौद्धाचार्य वैरागी राम भारती, सेवानिवृत्त शिक्षक पलटूराम, नागेश्वर बौद्ध, पूर्व प्रधान राम यश यादव,दीपा बौद्ध आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन राम प्रताप बौद्धाचार्य और ललित कुमार ने किया।
बौद्धाचार्य राम टहल,राम प्रसाद,राम किशोर, आनंद यादव, अखिलेश पांडेय, किशोरी लाल, बृजेश कुमार, विक्रांत कुमार, मनोज कुमार, हरिकेश भारती, अखिलेश पांडेय, प्रमोद कुमार एडवोकेट, सत्येन्द्र एडवोकेट,
जगन्नाथ, सूरज भारती, मोती लाल, बाबू लाल , पूर्णेन्दु कुमार आदि मौजूद रहे। शासन , प्रशासन और सरकार से सवाल, महाबोधि विहार बोध गया को बौद्धों को क्यों नहीं सौंपती बिहार सरकार

लोक कलाकार अनिल नादान ने अपने गीत के माध्यम से बोधगया में महाबोधि विहार की मुक्ति के लिए चल रहे आंदोलन की तरफ समाज और सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। बौद्ध गया है बुद्ध की धरती, जाने दुनिया सारी है, फैला रहे फिर आडम्बर क्यों पंडा और पुजारी हैं ‌।गीत के माध्यम से अनिल नादान ने सवाल उठाए,जब स्वतंत्रता के बाद भारत में सभी धर्मों के अलग-अलग तीर्थ स्थल हैं, तो फिर बौद्ध धम्म के पवित्र स्थल बौद्ध गया में अवैध कब्जा और अवैज्ञानिक गतिविधियां क्यों हो रही हैं।

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